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कैटल्स की बिक्री, टैक्सेबल taxfree?

कैटल्स की बिक्री, टैक्सेबल taxfree?

pets की बिक्री से होने वाली आय टैक्सेबल या taxfree?

छायादार पेड़ों की बिक्री टैक्सेबल या taxfree?

【महत्वपूर्ण केस लॉ के साथ पूरा विश्लेषण】

जब पशु करदाता के पास ही ब्रीडिंग से पैदा हुआ है, और बड़ा हुआ है। उस केस में उसकी कॉस्ट क्या होगी?

क्या कॉस्ट NIL होगी?

अगर NIL नहीं होगी तो, कैसे केलकुलेट होगी?

1.जब कैटल्स स्वयं के use के लिए रखते हैं जैसे अपने परिवार की दूध की जरूरत के लिए गाय, भैंस, बकरी आदि।

जब आपका उद्देश्य व्यापार नहीं होता। ऐसे में ये जानवर “पर्सनल इफ़ेक्ट” होते हैं। जो इनकम टैक्स एक्ट की धारा 2(14) के अनुसार कैपिटल एसेट नहीं होते।

पर्सनल इफ़ेक्ट की डेफिनिशन जो एक्ट में दी है उसके अनुसार, चल सम्पत्ति, wearing apparels, फर्नीचर सहित, जो स्वयं या परिवार के अन्य सदस्य के काम आती हो। लेकिन जेवेल्लरी, आर्कियोलॉजिकल कलेक्शन, ड्रॉइंग्स, पेटिंग्स, स्कल्पचर्स, आर्ट वर्क पर्सनल इफ़ेक्ट नहीं माने जाएंगे।

इस डेफिनिशन के हिसाब से मेरी राय में कार, कपड़े, फर्नीचर, चांदी के बर्तन चाहे कभी कभार काम आते हों, व्यक्तिगत दूध के लिए रखे जाने वाले जानवर, pets, सवारी के लिए रखा जाने वाला घोड़ा, आदि पर्सनल इफ़ेक्ट में कवर होते हैं।

रेलेवेंट केस लॉ:-

महाराज राणा हेमंत सिंह जी, धौलपुर बनाम आयकर आयुक्त, राजस्थान [1976] 103 ITR 61 (SC)

आर रामनाथन चेट्टियर बनाम आयकर आयुक्त[1985] 152 ITR 493 (मद्रास)

आयकर आयुक्त बनाम महारानी उषा देवी 231 ITR 793 (SC)

मेनका गाँधी:- दिल्ली ITAT :- चांदी के बर्तन, गिलास, कटोरी

अतः बिक्री पर इनकम टैक्स की लायबिलिटी नहीं आती।

2.जब कैटल्स को व्यापार के लिए रखते हैं:-
(i) पहला दूध या घी (डेयरी) के व्यापार के लिए जैसे गाय, भैंस, बकरी। ऊन के व्यापार के लिए भेड़ या खेती के लिए ऊंट/बैल। ऐसे में कैटल्स स्टॉक इन ट्रेड नहीं होते, as a plant होते हैं।

ऐसे में जब प्लांट के रूप में रखे गए कैटल्स को बेचते हैं। तो उसके कैपिटल गेन की गणना के लिए, अगर कैटल 1.4.2001 से पहले का है, तो 1.4.2001 की फेयर मार्किट वैल्यू। अगर उसके बाद, पशु खरीदे हैं तो कॉस्ट ले लेंगे।

लेकिन मुश्किल तब होती है जब पशु करदाता के पास ही ब्रीडिंग से पैदा हुआ है, और बड़ा हुआ है। उस केस में उसकी कॉस्ट क्या होगी? क्या कॉस्ट NIL होगी? अगर NIL नहीं होगी तो, कैसे केलकुलेट होगी?

जवाब मिलेगा सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट श्रीनिवास शेट्टी बनाम आयकर आयुक्त 128 ITR 294 में, गुडविल की बिक्री को कर मुक्त माना है। और बिल्कुल क्लियर जवाब है आंध्रप्रदेश हाइकोर्ट के निर्णय कृष्णा डेयरी एंड एग्रीकल्चर फार्म बनाम आयकर आयुक्त[1988] 169 ITR 291में, इसी सिद्धान्त से बछड़ों की बिक्री को कर मुक्त माना है। दुबारा मध्प्रदेश हाइकोर्ट ने आयकर उपायुक्त बनाम श्रीमती सुनीति सिंह [2008] 299 ITR 183 के निर्णय में इसी सिद्धान्त पर बछड़ों की बिक्री को कर मुक्त माना है। हालांकि बीच में आयकर आयुक्त बनाम रामास्वामी मुदलियार [1992] 196 ITR 939, मद्रास हाइकोर्ट के निर्णय में घोड़े के बच्चे की कॉस्ट केलकुलेशन का method बताने की कोशिश की है कि रेस की घोड़ी को बच्चे के जन्म तक स्टड फार्म में रखने का मेन्टेनेन्स का खर्चा कॉस्ट मानी जाएगी। लेकिन इस रेस की घोड़ी के बच्चे की बिक्री की रिसिट्स को मध्यप्रदेश हाइकोर्ट ने डिसकस करके डेयरी के बछड़ो की बिक्री को distinguish कर दिया है।
अतः डेयरी के पैदा हुए जानवर की बिक्री की रिसिट्स आज भी टैक्स फ्री हैं।

श्रीनिवास शेट्टी में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा है,” जब किसी कैपिटल एसेट की कॉस्ट केलकुलेट करनी सम्भव नहीं है, तो वह एसेट कैपिटल गेन की दृष्टि से कैपिटल एसेट नहीं है। अर्थात जब कैलकुलेशन मैकेनिज्म फेल हो जाए तो कैपिटल गेन नहीं लगेगा। श्रीनिवास शेट्टी का जजमेंट गुडविल के संदर्भ में था। हालांकि बाद में धारा 55(2) में गुडविल, टेनेंसी राइट, स्टेज कैरिज परमिट( रोड़ परमिट) बोनस शेयर आदि के लिए डीम्ड कॉस्ट का कांसेप्ट लाकर गुडविल, टेनेंसी राइट, रोड़ परमिट जहां धारा 55(2) में डीम्ड कॉस्ट का कांसेप्ट आ गया है, उसके अलावा अन्य केसेज में श्रीनिवास शेट्टी के केस में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय का सिद्धांत आज भी लागू है।

(ii) दूसरा जब भेड़/बकरी/ घोड़े स्टॉक इन ट्रेड के रूप में रखे जाते हैं और ब्रीडिंग से स्टॉक में बढ़ोतरी होती रहती है। व स्टॉक इन ट्रेड घटता/ बढ़ता रहता है।

ऐसे में तो बुजीनेस इनकम होगी। ओपनिंग स्टॉक व क्लोजिंग स्टॉक का वैल्यूएशन हो जाएगा। खरीद बिक्री की एकाउंटिंग होकर, ट्रेडिंग एकाउंट बन जाएगा। अर्थात रिसिट्स ट्रेडिंग एकाउंट का पार्ट बनेंगी और बिजनेस हैड में टैक्सेबल होंगी।

(iii) छायादार पेड़:- जहां पेड़ स्टॉक इन ट्रेड नहीं होते वहां या तो पर्सनल एसेट हो सकते हैं या कैपिटल एसेट।

पेड़ों की बिक्री टैक्स फ्री:- केस लॉ:-

एमराल्ड वैली एस्टेट्स लिमिटेड बनाम आयकर आयुक्त [1996] 88 टैक्समैन 335 केरल

आयकर आयुक्त बनाम मिडलैंड रबर एंड प्रोड्यूस कम्पनी लिमिटेड [1991] 188 ITR 333 केरल

 

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Profile photo of CA Raghuveer Poonia CA Raghuveer Poonia

Jaipur, India

Since 1995, He is handling all aspects of trust- income-tax registration u/s 12A, 80G, 10 (23C), compliance work, FCRA, foreign grants, NITI Ayog registration, Auditing, due diligence of channel partners, GST on NGOs, Income Tax scrutiny related to NGO/NPO and Social Service Organisation (Society/Trust/section 8/25 of companies act). This is the core area of practice and he has been handling the most complex cases pertaining to the above aspects. He is handling litigation /cases/matters related to income tax, before the Assessing Officer, CIT Appeals, ITAT across India. He is handling litigation /cases/matters related to GST, before adjudicating authority, Commissioner (Appeals) across India. He provides consultancy and opinions on income tax and GST matters for corporates and B2B. He is a regular panelist on TV debates as an expert in the matters of economy, taxation, Income Tax, GST, etc. He is a regular blogger and avid contributor on Income Tax, GST, and current economic issues. He also, handle issues related to ED investigation under PMLA. He also handles matters before NCLT regarding IBC and Company Law. He is a regular speaker in seminars/webinars. He has developed a new passion to be a YouTuber on the core matters mentioned above.

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