53 सर्विसेज और 29 आइटम्स पर #GST रेट घटा, अब पुरानी कारें और डायमंड भी हो जाएंगे सस्ते
*53 सर्विसेज और 29 आइटम्स पर #GST रेट घटा, अब पुरानी कारें और डायमंड भी हो जाएंगे सस्ते*
जीएसटी काउंसिल ने गुरुवार को 53 सर्विसेज और 29 आइटम्स पर जीएसटी रेट घटाने का फैसला लिया। मीटिंग के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि काउंसिल ने जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की प्रोसेस को आसान बनाने पर चर्चा की। हालांकि, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने पर कोई फैसला नहीं हो सका। नई टैक्स रेट 25 जनवरी से लागू होंगे। रिवाइज्ट रेट लागू होने से पुरानी कारें और डायमंड भी सस्ते हो जाएंगे। जीएसटी रेेट में बड़े पैमाने पर की गई कटौती से करीब 1000-1200 करोड़ रुपए का रेेेवेन्यू नुकसान होगा।
*पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर टला फैसला*
– पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला फिलहाल पेंडिंग है, इसकी डिमांड काफी समय से हो रही है। जेटली ने कहा कि इस मसले पर मीटिंग में कोई चर्चा नहीं हुई। संभव है कि अगली मीटिंग में इस पर चर्चा हो।
*इन चीजों पर घटा टैक्स*
– प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जेटली ने बताया कि रिवाइज्ड टैक्स रेट 25 जनवरी से लागू होंगे। जीएसटी काउंसिल ने प्राइवेट कंपनियों की डॉमेस्टिक एलपीजी के लिए टैक्स रेट 18 से घटाकर 5% कर दिया।
– इसके अलावा हीरों पर टैक्स को 3 फीसदी से घटाकर 0.25% कर दिया गया है। पुरानी कारों पर टैक्स रेट में भी कटौती की गई है, जिन्हें 28 से 18% के टैक्स स्लैब में डाला गया है।
– *एम्बुलेंस के तौर पर इस्तेमाल होने वाले वाहनों पर सेस खत्म कर दिया गया है, जो अभी तक 15 फीसदी था।*
– फर्टिलाइजर ग्रेड फॉस्फोरिक एसिड पर टैक्स घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। *बायो-डीजल पर टैक्स 18 से घटाकर 12 फीसदी करने का फैसला लिया है।*
*पेट्रोलियम सेक्टर को बड़ी राहत*
– पेट्रोलियम क्रूड की माइनिंग, ड्रिलिंग सर्विसेज, नैचुरल गैस की माइनिंग, ड्रिलिंग सर्विसेज पर भी टैक्स घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है।
– पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के ट्रांसपोर्टेशन पर टैक्स क्रेडिट के साथ जीएसटी को घटाकर 12% और टैक्स क्रेडिट के बिना इन प्रोडक्ट्स पर जीएसटी को 5% किया गया है।
*इन सर्विसेज में दी गई राहत*
– आरटीआई एक्ट के तहत सूचनाएं कराने वाली सर्विसेज को जीएसटी से छूट दे दी गई है।
– *टेलरिंग सर्विसेज पर जीएसटी की दर 18 से घटाकर 5% कर दी गई है।*
– थीम पार्क, वाटर पार्क, जॉय राइड, मेरी गो राउंड, गो कार्टिंग बैलेट जैसी सर्विसेज पर अब 18% जीएसटी लगेगा, जो पहले 28% था।
– आरडब्ल्यूए मेंबर्स को दी जा रही सर्विसेज पर छूट सीमा 5000 रुपए से बढ़ाकर 7500 रुपए कर दी गई है।
– भारत से बाहर प्लेन के जरिए सामान भेजने पर ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज को जीएसटी से छूट दी गई है।
– इसी तरह समुद्री जहाज से सामान भेजने पर भी छूट दी गई है। यह छूट 30 सितंबर, 2018 तक रहेगी।
– मेट्रो, मोनोरेल कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है।
– *मिड डे मील के लिए बनने वाली बिल्डिंग पर जीएसटी का कंसेशनल रेट12फीसदी लागू होगा।*
-लेदर गुड्स और फुटवियर की मैन्युफैक्चरिंग के लिए जॉब वर्क सर्विस पर लगने वाले जीएसटी को घटाकर5फीसदी कर दिया गया है।
*PMAY में मकानों के कंस्ट्रक्शन पर राहत*
-प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी वन और एमआईजी वन के लिए घोषित क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम के तहत घर के कंस्ट्रक्शन पर जीएसटी का कंसेशनल रेट लागू होगा।
– *रीजनल कनेक्टविटी स्कीम के तहत बन रहे एयरपोर्ट को मिलने वाली वाइबिलिटी गेप फंडिंग पर जीएसटी छूट की सीमा को 1 साल से बढ़ाकर 3 साल कर दिया गया है।*
-सरकार को पेट्रोलियम से होने वाले प्रॉफिट को भी जीएसटी से बाहर रखा गया।
*एंट्रेंस फीस पर भी नहीं लगेगा GST*
– सभी एजुकेशन इंस्टीट्यूट में एडमिशन या एग्जाम कराने के लिए दी जा रही सर्विसेस को GST से छूट दे दी गई है। उन्हें एंट्रेंस इग्जाम के लिए ली जाने वाली एंट्रेंस फीस पर भी जीएसटी से छूट दी गई है।
-स्टूडेंट्स, फैकल्टी या स्टाफ को ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज पर भी जीएसटी से छूट दी गई है, लेकिन यह छूट हायर सेकेंडरी तक के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट को दी गई है।
*राइस ब्रान पर लगेगा टैक्स*
– राइस ब्रान पर टैक्स रेट बढ़ाकर 5 फीसदी कर दिया गया है, जिस पर पहले कोई टैक्स नहीं था। इसके अलावा डि-ऑयल्ड राइस ब्रान पर रेट शून्य कर दिया गया।
*रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने पर हुई चर्चा*
-मीटिंग के दौरान छोटे कारोबारियों पर से कंप्लायंस का बोझ कम करने के लिए जीएसटी रिटर्न फाइलिंग प्रोसेस को आसान बनाने पर भी चर्चा हुई।
-इस क्रम में ऐसा सिस्टम बनने तक जीएसटीआर 3बी में रिटर्न फाइलिंग को जारी रहने पर सहमति बनी, जहां सप्लायर इनवॉइस में ट्रांजैक्शन की डिटेल शामिल हो।
-जेटली ने कहा कि नए प्रोसेस को जीएसटी काउंसिल की अगली मीटिंग में अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके लिए राज्यों के बीच लिखित फॉर्म्यूलेशन बांट दिया गया है। काउंसिल की अगली मीटिंग की तारीख अभी तय नहीं हुई है।
केंद्र और राज्यों के बीच बंटेंगे IGST के 35 हजार करोड़
– *जेटली ने आगे कहा कि मीटिंग में आईजीएसटी में क्रेडिट लाइन की भारी धनराशि के मसले पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि जीएसटी पैनल ने आईजीएसटी कलेक्शन के 35 हजार करोड़ रुपए को केंद्र और राज्यों के बीच बांटने का फैसला किया।*
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